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डेंगू में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं? 2025

डेंगू एक वायरल संक्रमण है जो एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर अधिकतर दिन के समय काटता है और विशेष रूप से बारिश के मौसम में सक्रिय रहता है। डेंगू वायरस शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर असर डालता है और प्लेटलेट्स की संख्या को तेजी से घटा सकता है, जिससे शरीर में कमजोरी, बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द और त्वचा पर चकत्ते जैसे लक्षण नजर आते हैं।

इस बीमारी का कोई विशेष इलाज नहीं होता, केवल लक्षणों का इलाज किया जाता है और रिकवरी के लिए सही खानपान सबसे बड़ी भूमिका निभाता है। इसलिए जरूरी है कि यह समझा जाए कि डेंगू में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, और क्यों।

डेंगू में डाइट का महत्व क्यों है?

डेंगू से लड़ने और जल्दी ठीक होने के लिए आपकी डाइट सबसे जरूरी हथियार है। क्योंकि यह एक वायरल संक्रमण है, इसलिए इसमें एंटीबायोटिक दवाएं असर नहीं करतीं। शरीर को खुद ही संक्रमण से लड़कर रिकवर करना होता है, जिसके लिए पोषण से भरपूर संतुलित आहार सबसे ज्यादा ज़रूरी होता है। एक गलत डाइट न सिर्फ आपकी रिकवरी को धीमा कर सकती है, बल्कि शरीर को और कमजोर भी बना सकती है।

डेंगू में शरीर को किन पोषक तत्वों की जरूरत होती है?

डेंगू में शरीर को निम्नलिखित तत्वों की विशेष आवश्यकता होती है:

पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स- डेंगू शरीर में डिहाइड्रेशन पैदा करता है। पानी, ओआरएस, नारियल पानी और फलों के रस जैसे फ्लूइड्स शरीर को हाइड्रेट रखने और प्लेटलेट्स को गिरने से बचाने में मदद करते हैं।

विटामिन C- विटामिन C एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो इम्यून सिस्टम को मज़बूत करता है और शरीर में वायरल संक्रमण से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है।

आयरन और फोलिक एसिड- प्लेटलेट्स के निर्माण और रक्त की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए आयरन और फोलिक एसिड बहुत आवश्यक होते हैं।

विटामिन B12 और जिंक- ये दोनों तत्व शरीर को ऊर्जावान रखने और मेटाबॉलिज्म को सपोर्ट करने में मदद करते हैं, जिससे रिकवरी तेज होती है।

डेंगू में क्या खाना चाहिए?

पपीते के पत्ते- पपीते के पत्तों का रस डेंगू में प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने में बेहद असरदार माना जाता है। इसे सुबह खाली पेट ताजे पत्तों से तैयार करके पीना सबसे फायदेमंद होता है।

नारियल पानी- नारियल पानी में पोटैशियम और इलेक्ट्रोलाइट्स की भरपूर मात्रा होती है जो शरीर को हाइड्रेट रखती है और थकान को दूर करती है।

मौसंबी, संतरा और नींबू- ये फल विटामिन C के बेहतरीन स्रोत हैं। मौसंबी और संतरे के जूस से न सिर्फ पानी की पूर्ति होती है बल्कि इम्यून सिस्टम भी स्ट्रॉन्ग होता है। नींबू पानी भी एक अच्छा विकल्प है, बशर्ते इसमें चीनी न मिलाई गई हो।

अनार- अनार आयरन का अच्छा स्रोत है जो रक्तहीनता को दूर करता है और प्लेटलेट्स को बढ़ाने में मदद करता है। यह शरीर को ऊर्जा भी देता है और लंबे समय तक एक्टिव बनाए रखता है।

हल्दी वाला दूध- हल्दी एक नैचुरल एंटीसेप्टिक है। हल्दी वाला दूध शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करता है और सुकून भरी नींद भी देता है। इसे रात को सोने से पहले पीना सबसे अच्छा माना जाता है।

हरी सब्जियाँ- पालक, मेथी, गाजर जैसी हरी सब्जियाँ डेंगू के समय बहुत फायदेमंद होती हैं। ये न सिर्फ आयरन और फोलिक एसिड से भरपूर होती हैं बल्कि पाचन में भी आसान होती हैं।

खिचड़ी और सूप- हल्की खिचड़ी, मूंग की दाल और वेजिटेबल सूप शरीर को गर्माहट देते हैं और आसानी से पच जाते हैं। ये शरीर को पर्याप्त पोषण देते हैं और एनर्जी भी।

गोट मिल्क (बकरी का दूध)- अगर उपलब्ध हो तो बकरी का दूध बेहद लाभकारी माना जाता है, क्योंकि इसमें अधिक डाइजेस्टिबल प्रोटीन होता है और यह शरीर में तेजी से अवशोषित होता है।

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डेंगू में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं? 2025

डेंगू में क्या नहीं खाना चाहिए?

नॉनवेज फूड्स- चिकन, मटन, अंडा जैसी चीजें पचने में भारी होती हैं और शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा डाइजेशन में लगानी पड़ती है। इससे रिकवरी प्रक्रिया धीमी हो सकती है।

तला-भुना और फास्ट फूड- बर्गर, समोसा, पकौड़ी, पिज़्ज़ा और स्ट्रीट फूड्स बिल्कुल अवॉइड करें। ये शरीर में इन्फ्लेमेशन बढ़ा सकते हैं और वायरल संक्रमण को बढ़ावा दे सकते हैं।

मसालेदार खाना- बहुत अधिक मसाले और तेल से बने भोजन पाचन तंत्र पर दबाव डालते हैं। डेंगू में शरीर पहले से ही कमज़ोर होता है, ऐसे में मसालेदार खाना नुकसान कर सकता है।

कैफीन और कॉफी- कैफीन युक्त पेय जैसे कॉफी, एनर्जी ड्रिंक्स और कोल्ड ड्रिंक्स शरीर में पानी की कमी कर सकते हैं और हार्टबीट बढ़ा सकते हैं, जो डेंगू के लिए हानिकारक है।

मिठाई और शुगर-युक्त ड्रिंक्स- बाजार में मिलने वाले पैक्ड जूस, कोल्ड ड्रिंक्स, और मिठाइयाँ शरीर में शुगर का लेवल तो बढ़ा देती हैं लेकिन पोषण नहीं देतीं। इससे रिकवरी धीमी होती है।

एल्कोहल और स्मोकिंग- डेंगू के दौरान अल्कोहल और धूम्रपान पूरी तरह से वर्जित हैं। ये शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करते हैं और लिवर पर असर डालते हैं।

डेंगू में डाइट प्लान: एक दिन का उदाहरण

सुबह खाली पेट: एक गिलास गुनगुना पानी + पपीते के पत्तों का ताजा रस
नाश्ता: ओट्स खिचड़ी या दलिया + एक मौसंबी
मध्य सुबह: नारियल पानी या अनार का जूस
दोपहर का भोजन: दाल-चावल या हल्की खिचड़ी + पालक की सब्जी + नींबू
शाम: वेजिटेबल सूप या फल (जैसे पपीता या संतरा)
रात का भोजन: गाजर-बीन्स की सब्जी + रोटी + टर्मरिक मिल्क (सोने से पहले)

डेंगू में अतिरिक्त देखभाल

1- जितना हो सके आराम करें, शरीर को नींद और रिकवरी के लिए समय दें
2- हमेशा डॉक्टर की सलाह से ही कोई सप्लिमेंट या दवा लें
3- बहुत ठंडा पानी या बर्फ वाला कुछ न लें, इससे सर्दी-जुकाम हो सकता है
4- गुनगुने पानी से स्नान करें और शरीर को साफ रखें

क्या सिर्फ डाइट से डेंगू ठीक हो सकता है?

डेंगू एक ऐसी बीमारी है जिसमें मेडिकल निगरानी ज़रूरी होती है, लेकिन हल्के से मध्यम मामलों में यदि प्लेटलेट्स बहुत कम नहीं हैं और बुखार कंट्रोल में है, तो सही डाइट से ही मरीज पूरी तरह ठीक हो सकता है। रिसर्च और क्लिनिकल अनुभवों से यह सामने आया है कि जिन मरीजों ने शुरू से ही पर्याप्त पानी, पपीते के पत्तों का रस, मौसंबी का जूस और आराम लिया, वे जल्दी रिकवर हुए और उन्हें हॉस्पिटलाइज़ेशन की ज़रूरत नहीं पड़ी।

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डेंगू में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं? 2025

इसलिए, यह समझना बहुत जरूरी है कि सही खानपान को सिर्फ सपोर्टिव ट्रीटमेंट ना समझा जाए, बल्कि उसे मुख्य इलाज का हिस्सा माना जाए। यदि शरीर को वह हर तत्व समय पर मिल जाए जो उसे रिकवर करने में चाहिए — जैसे कि विटामिन C, आयरन, इलेक्ट्रोलाइट्स और पर्याप्त पानी — तो डेंगू से लड़ना आसान हो जाता है।

डेंगू में प्लेटलेट्स क्यों गिरते हैं?

डेंगू वायरस शरीर में मौजूद बोन मैरो (अस्थि मज्जा) को प्रभावित करता है, जो प्लेटलेट्स बनाने का काम करती है। जब बोन मैरो कमजोर होती है या धीमा काम करती है, तो प्लेटलेट्स की संख्या गिरने लगती है। इसके अलावा, वायरस और शरीर की इम्यून सिस्टम की लड़ाई में प्लेटलेट्स तेजी से नष्ट होते हैं।

इस स्थिति को सुधारने के लिए जरूरी है कि ऐसा खाना खाया जाए जो अस्थि मज्जा को ताकत दे, रक्त निर्माण को बढ़ावा दे और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को संतुलित बनाए। यहां पपीते के पत्तों, अनार, हरी पत्तेदार सब्जियों और विटामिन-सी युक्त फलों की भूमिका सबसे अहम बनती है।

डेंगू के बाद की रिकवरी में डाइट का क्या रोल है?

जब बुखार चला जाता है और प्लेटलेट्स की संख्या सामान्य होने लगती है, तब भी शरीर पूरी तरह से ठीक नहीं होता। डेंगू के बाद थकान, कमजोरी, पाचन में दिक्कत, और इम्यून सिस्टम की कमज़ोरी जैसी समस्याएं हफ्तों तक बनी रह सकती हैं। इसलिए डेंगू से ठीक होने के बाद की डाइट भी उतनी ही जरूरी है जितनी डेंगू के दौरान।

रिकवरी डाइट में क्या शामिल करें?

दूध और सूखे मेवे- बादाम, खजूर, किशमिश और अंजीर को भिगोकर दूध में मिलाकर लेना ताकत देता है।
प्रोटीन युक्त आहार- अंडा (अगर शरीर स्वीकार करे), मूंग दाल, दही और पनीर शरीर के ऊतकों को रिपेयर करने में मदद करते हैं।
हल्दी और तुलसी- डेंगू के बाद प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में तुलसी की चाय और हल्दी वाला दूध फायदेमंद होते हैं।
मल्टीविटामिन/जिंक सप्लिमेंट (डॉक्टर की सलाह पर)- कई बार शरीर में कमजोरी बनी रहती है, ऐसे में डॉक्टर कुछ सप्लिमेंट भी सलाह देते हैं।

बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष ध्यान

डेंगू बच्चों और बुजुर्गों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि इनकी इम्यूनिटी अपेक्षाकृत कमजोर होती है। ऐसे में विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है:

1- बच्चों को फ्रूट जूस और हल्का खाना दें जो आसानी से पच सके
2- बुजुर्गों को गुनगुना पानी, सूप और नींबू-पानी दें और अत्यधिक थकावट से बचाएं
3- पानी कम ना होने दें — डिहाइड्रेशन डेंगू के मामलों में सबसे खतरनाक हो सकता है

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conclusion-

डेंगू के दौरान शरीर को पोषण और देखभाल की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। अगर सही समय पर सही खानपान और आराम किया जाए तो डेंगू से बिना अस्पताल भर्ती हुए भी ठीक हुआ जा सकता है। जितना हो सके प्राकृतिक आहार लें, शरीर को हाइड्रेट रखें और पूरी तरह मसालेदार, तला-भुना और बाहर का खाना अवॉइड करें।

आपका खानपान ही आपकी सबसे बड़ी दवा है। इस पोस्ट में दी गई जानकारी अगर आप अपनाते हैं तो यकीन मानिए, आपकी रिकवरी न सिर्फ तेज़ होगी बल्कि भविष्य में भी आप कम बीमार पड़ेंगे।

Q- डेंगू में कौन-कौन से फल खाने चाहिए?

उत्तर: पपीता, कीवी, अनार, मौसंबी जैसे फल प्लेटलेट्स बढ़ाने और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करते हैं।

Q- डेंगू के दौरान दूध और नॉन-वेज खाना सही है या नहीं?

उत्तर: डेंगू में भारी और तैलीय भोजन से बचना चाहिए। दूध और नॉन-वेज पाचन को धीमा कर सकते हैं, इसलिए परहेज़ बेहतर होता है।

Q- डेंगू का घरेलू इलाज क्या है?

उत्तर: पपीते के पत्तों का रस, नारियल पानी, तुलसी की चाय, और भरपूर पानी पीना घरेलू उपायों में सहायक माना गया है।

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