मंगलवार, 17 जून 2025

भारत में इलेक्ट्रिक कार उद्योग का विस्फोट | सरकारी नीति और वैश्विक निवेश की पूरी कहानी

भारत में इलेक्ट्रिक कार उद्योग का विस्फोट | पूरी कहानी 2025

भारत में इलेक्ट्रिक कार (EV) उद्योग अब केवल एक नया विचार नहीं, बल्कि एक सशक्त हकीकत बन चुका है। 21वीं सदी के दूसरे दशक में जिस तेजी से पेट्रोल-डीजल से इलेक्ट्रिक की ओर रुख किया जा रहा है, वह वैश्विक परिवर्तन का स्पष्ट संकेत है। इस बदलाव में भारत की भागीदारी केवल एक दर्शक के रूप में नहीं, बल्कि एक निर्माता, नीति निर्धारक और वैश्विक निवेश केंद्र के रूप में हो रही है।

क्यों जरूरी है भारत के लिए इलेक्ट्रिक वाहन?

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल मार्केट बन चुका है। लेकिन साथ ही यह दुनिया के सबसे प्रदूषित देशों में से भी एक है। बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण और ईंधन की कीमतों ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को न केवल एक पर्यावरणीय विकल्प, बल्कि एक आर्थिक आवश्यकता भी बना दिया है।

इलेक्ट्रिक वाहन तेल पर निर्भरता को कम करते हैं, जिससे महंगाई से राहत मिलती है और साथ ही कार्बन उत्सर्जन में भी भारी गिरावट आती है। यह भारत को Paris Climate Agreement जैसे वैश्विक लक्ष्यों की ओर बढ़ने में मदद करता है।

EV बाजार की ग्रोथ: आंकड़ों में भारत की छलांग

  • 2023 में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री: 82,688 यूनिट
  • 2024 में बिक्री में वृद्धि: लगभग 20% की ग्रोथ के साथ 1 लाख यूनिट के करीब
  • EV बाजार में अग्रणी कंपनी: Tata Motors

Tata के अलावा Maruti Suzuki, Hyundai, Mahindra जैसी देशी-विदेशी कंपनियां अब इलेक्ट्रिक सेगमेंट में बड़ी प्लानिंग के साथ प्रवेश कर रही हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 तक यह बाजार दोगुना हो सकता है, खासकर तब जब सरकार की नीतियों का पूरा समर्थन मिल रहा हो।

सरकारी योजनाएं: EV के लिए Boost की गोली

भारत सरकार ने “EV Manufacturing Promotion Scheme” की घोषणा की है। इस स्कीम के तहत:

  • कंपनियां ₹4150 करोड़ का निवेश करके भारत में EV बना सकेंगी
  • पहले 5 साल तक सिर्फ 15% आयात शुल्क लगेगा (पहले यह 75% था)
  • EV का आयात 8,000 यूनिट प्रति वर्ष तक सीमित रहेगा
  • कार की न्यूनतम कीमत $35,000 होनी चाहिए
  • पहले 3 वर्षों में कम से कम 25% वैल्यू एडिशन अनिवार्य है
  • 5 वर्षों में इसे 50% तक बढ़ाना होगा
  • चार्जिंग स्टेशन पर अधिकतम 5% राशि खर्च की जा सकेगी

इस स्कीम के जरिए 6484 करोड़ रुपये तक का कर लाभ कंपनियों को मिलेगा, लेकिन इसका लाभ तभी मिलेगा जब वे निवेश की प्रतिबद्धता को पूरा करेंगी।

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Tesla और अन्य ग्लोबल ब्रांड्स

  • Tesla ने अभी तक भारत में इलेक्ट्रिक कार निर्माण के लिए कोई आधिकारिक पूछताछ नहीं की है
  • हालांकि, वह भारत में शोरूम खोलने में रुचि रखता है
  • Tesla को ₹4150 करोड़ के निवेश में “जमीन की कीमत” शामिल न करने पर आपत्ति है

अन्य कंपनियां:

  • Mercedes, Volkswagen, Skoda, Hyundai जैसी कंपनियां भारत में EV निर्माण को लेकर उद्योग मंत्रालय से संपर्क में हैं
  • उन्होंने देश में निवेश की इच्छा जताई है और मंत्रालय के साथ बैठकें की हैं
भारत में इलेक्ट्रिक कार उद्योग का विस्फोट | पूरी कहानी 2025

चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर: सरकार की बड़ी योजना

भारत सरकार का लक्ष्य है कि मार्च 2026 तक 72,000 इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन देशभर में स्थापित किए जाएं। इससे इलेक्ट्रिक कारों की स्वीकार्यता और यूजर फ्रेंडली नेटवर्क और मजबूत होगा।

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भारत की वैश्विक स्थिति: चीन को टक्कर

चीन अब तक EV उत्पादन का ग्लोबल हब रहा है, लेकिन भारत की नीतियां अब इस स्थिति को चुनौती दे रही हैं।

  • Apple ने iPhone मैन्युफैक्चरिंग भारत में शुरू की
  • सेमीकंडक्टर उद्योग में भी भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है
  • अब EV सेक्टर भी वैश्विक निवेशकों को आकर्षित कर रहा है

इसका सीधा संकेत है कि भारत एक नए मैन्युफैक्चरिंग पावरहाउस के रूप में उभर रहा है।

Make in India और EV सेक्टर: आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम

भारत सरकार की “Make in India” योजना का इलेक्ट्रिक व्हीकल उद्योग में सीधा प्रभाव देखा जा सकता है। यह योजना न केवल विदेशी कंपनियों को भारत में निर्माण के लिए आमंत्रित करती है, बल्कि देश के युवाओं को स्किल ट्रेनिंग और रोजगार के नए अवसर भी देती है।

इलेक्ट्रिक कार निर्माण में उपयोग होने वाले बैटरी सेल, मोटर, कंट्रोलर जैसी तकनीकें अब धीरे-धीरे भारत में ही बनने लगी हैं। इससे आयात पर निर्भरता कम हो रही है और घरेलू निर्माण को बढ़ावा मिल रहा है। नीति आयोग के अनुसार, EV सेक्टर में आने वाले वर्षों में 50 लाख से अधिक नौकरियां उत्पन्न हो सकती हैं।

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वहीं दूसरी ओर, भारतीय स्टार्टअप्स भी इस क्रांति में पीछे नहीं हैं। Ola Electric, Ather Energy, और Strom Motors जैसे स्टार्टअप EV क्षेत्र में नवाचार कर रहे हैं और अफोर्डेबल EVs बना रहे हैं। इससे घरेलू बाजार को विकल्प मिल रहे हैं और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को चुनौती भी।

इसी तरह यदि EV के लिए स्थानीय सप्लाई चेन मजबूत होती है, तो भारत सिर्फ एक बड़ा उपभोक्ता नहीं, बल्कि एक ग्लोबल सप्लायर भी बन सकता है — जिससे देश को निर्यात में भी फायदा होगा। Tesla India Update – Economic Times

भारत की EV क्रांति एक अवसर है

भारत अब केवल EV अपनाने की दिशा में नहीं, बल्कि वैश्विक EV निर्माण में भी नेतृत्व करने की ओर बढ़ रहा है। सरकारी नीतियां निवेशकों को लुभा रही हैं, और वैश्विक कंपनियां इसका लाभ उठाना चाहती हैं।

यह सिर्फ एक सेक्टर का विकास नहीं, बल्कि भारत की एक रणनीतिक छलांग है — एक ऐसा कदम जो ना सिर्फ पर्यावरण के लिए बेहतर है, बल्कि अर्थव्यवस्था, रोजगार और वैश्विक स्थिति के लिए भी बेहद लाभकारी है। References: Bharat Tak

FAQs:

Q1: भारत में इलेक्ट्रिक कार खरीदने पर क्या सब्सिडी मिलती है?

उत्तर: हां, केंद्र और राज्य सरकारें FAME-II स्कीम और राज्यों की अलग-अलग सब्सिडी देती हैं।

Q2: Tesla कब भारत में कार मैन्युफैक्चरिंग शुरू करेगा?

उत्तर: फिलहाल Tesla ने भारत में केवल शोरूम खोलने में रुचि दिखाई है। मैन्युफैक्चरिंग पर कोई स्पष्टता नहीं है।

Q3: क्या भारत में इलेक्ट्रिक कारों का भविष्य उज्जवल है?

उत्तर: जी हां, सरकारी योजनाएं, वैश्विक निवेश और चार्जिंग नेटवर्क में वृद्धि इसे संभव बना रही हैं।

Q4: कौन-सी भारतीय कंपनियां EV निर्माण में सबसे आगे हैं?

उत्तर: Tata Motors, Mahindra, और Maruti Suzuki प्रमुख कंपनियां हैं जो EV निर्माण में अग्रणी हैं।

Q5: EV खरीदने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

उत्तर: बैटरी रेंज, चार्जिंग सुविधा, सब्सिडी की उपलब्धता, ब्रांड की विश्वसनीयता और आफ्टर-सेल्स सपोर्ट।

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