ANI vs YouTubers: जानिए कैसे प्रसार भारती का PB शब्द प्लेटफॉर्म भारतीय कंटेंट क्रिएटर्स को मुफ्त और कॉपीराइट स्ट्राइक से मुक्त कंटेंट उपलब्ध कराकर डिजिटल दुनिया में एक नई क्रांति ला रहा है, ANI जैसे निजी न्यूज़ एजेंसियों के साथ जारी विवाद के बीच।
डिजिटल क्रिएशन की दुनिया में एक नया मोड़ तब आया जब भारत की प्रमुख न्यूज़ एजेंसी एशियन न्यूज़ इंटरनेशनल (ANI) और कई मशहूर यूट्यूबर्स के बीच कॉपीराइट स्ट्राइक को लेकर जोरदार विवाद शुरू हो गया। वहीं दूसरी ओर, प्रसार भारती ने अपने नए डिजिटल प्लेटफॉर्म PB Shabd के ज़रिए कंटेंट क्रिएटर्स को एक बड़ा तोहफा दिया है — सरकारी, भरोसेमंद, और पूरी तरह से कॉपीराइट-फ्री कंटेंट।
आज की डिजिटल मीडिया इंडस्ट्री में जहाँ हर क्रिएटर अपने दर्शकों के लिए सबसे तेज़ और भरोसेमंद जानकारी पहुंचाने की होड़ में लगा है, वहाँ ऐसे विवाद न केवल उनके काम को बाधित करते हैं बल्कि उनके भविष्य पर भी प्रश्नचिह्न लगा देते हैं। यही कारण है कि PB Shabd जैसी पहल डिजिटल फ्रीडम और निष्पक्ष जानकारी के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है।
हम विस्तार से समझेंगे:
- एएनआई और यूट्यूबर्स के बीच विवाद क्या है?
- PB Shabd क्या है और यह क्रिएटर्स को कैसे मदद करता है?
- कॉपीराइट लॉ और फेयर यूज़ की स्थिति
- इससे जुड़े कानूनी, नैतिक और डिजिटल असर
- और सबसे जरूरी — आप इस मौके का फायदा कैसे उठा सकते हैं?
ANI और यूट्यूबर्स का विवाद: डिजिटल दादागिरी या अधिकारों की रक्षा?
क्या है मामला?
पिछले कुछ हफ्तों में कई बड़े यूट्यूबर्स जैसे:
- मोहक मंगल
- रजत पवार
- नितेश राजपूत
- ध्रुव राठी
- पौरुष शर्मा
ने ANI पर आरोप लगाए कि यह न्यूज़ एजेंसी उनके वीडियो में इस्तेमाल हुए 5-10 सेकंड के फुटेज पर कॉपीराइट स्ट्राइक भेज रही है। कई मामलों में लाखों रुपये की मांग की गई। मोहक मंगल के मुताबिक, ANI ने उनके दो वीडियो पर स्ट्राइक भेजी और तीसरी स्ट्राइक पर चैनल डिलीट हो सकता था। यह विवाद तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और एक तरह से ‘डिजिटल सेंसरशिप’ का प्रतीक बन गया। ANI Official Website
ANI का पक्ष
ANI का कहना है कि उनका कंटेंट उनकी बौद्धिक संपत्ति है और वे लाइसेंस के बिना इस्तेमाल को अवैध मानते हैं। उनके अनुसार:
“Free speech का मतलब free footage नहीं होता।”
उन्होंने ₹1 लाख प्रतिमाह से शुरू होने वाला सब्सक्रिप्शन मॉडल भी पेश किया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर क्रिएटर्स को प्रीमियम कंटेंट चाहिए, तो उन्हें लाइसेंसिंग प्रक्रिया अपनानी होगी। ANI की वेबसाइट पर यह नीति साफ़ तौर पर बताई गई है।
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क्रिएटर्स की आपत्ति
क्रिएटर्स का कहना है कि उन्होंने ANI फुटेज का इस्तेमाल फेयर यूज़ के तहत किया, जैसे:
- न्यूज़ एनालिसिस
- कमेंट्री
- एजुकेशनल प्रयोजन
- ऐतिहासिक संदर्भ
- आलोचना और व्यंग्य
उनका मानना है कि यह एक ओपन प्लेटफॉर्म है और न्यूज को डिस्कस करना पब्लिक डिस्कोर्स का हिस्सा है। साथ ही वे यह भी कहते हैं कि ANI का रवैया छोटे क्रिएटर्स को चुप कराने और डराने की कोशिश के जैसा है।
भारतीय कानून में फेयर यूज़ का क्या स्थान है?
भारतीय कॉपीराइट एक्ट 1957 की धारा 52 के अनुसार, समाचार रिपोर्टिंग, आलोचना और शैक्षणिक उद्देश्य के लिए कंटेंट का सीमित इस्तेमाल कॉपीराइट उल्लंघन नहीं माना जाता।
लेकिन समस्या यह है कि:
- यूट्यूब की पॉलिसी अस्पष्ट है
- फेयर यूज़ की व्याख्या की कोई स्पष्ट गाइडलाइन नहीं है
- यूट्यूबर्स को स्ट्राइक के बाद कोर्ट जाना पड़ता है, जो छोटे क्रिएटर्स के लिए संभव नहीं
- प्राइवेट एजेंसियों के पास ज्यादा संसाधन होते हैं, जिससे वे क्रिएटर्स को कानूनी दबाव में ला सकते हैं
यह असमानता डिजिटल लोकतंत्र को खतरे में डालती है। इससे कई प्रतिभाशाली क्रिएटर्स हतोत्साहित हो रहे हैं और उन्हें आत्म-सेंसरशिप करनी पड़ रही है।
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PB Shabd: गेम-चेंजर या सरकार की चाल?
PB Shabd, प्रसार भारती द्वारा लॉन्च किया गया एक नया डिजिटल कंटेंट प्लेटफॉर्म है, जो खास तौर पर क्रिएटर्स और डिजिटल पत्रकारों के लिए बनाया गया है। यह भारत सरकार के ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे अभियानों का हिस्सा है।
इसकी खास बातें:
- सरकारी स्रोतों से ऑथेंटिक न्यूज़ कंटेंट
- वीडियोज़, फोटोज़, ऑडियोज़ और टेक्स्ट
- कोई कॉपीराइट स्ट्राइक नहीं
- 100% फ्री एक्सेस
- रियल-टाइम अपडेट्स और RSS फीड
- भाषाओं का चयन — हिंदी, अंग्रेज़ी, क्षेत्रीय भाषाएं
- वेरिफाइड कंटेंट का लाइब्रेरी जो कभी भी एक्सेस किया जा सकता है
“क्रिएटर्स के लिए अब डरने की ज़रूरत नहीं — PB Shabd पर मिलेगा स्ट्राइक-फ्री कंटेंट।” — Prasar Bharati
रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
PB Shabd का इस्तेमाल शुरू करने के लिए:
- shabd.prasarbharati.gov.in पर जाएं
- ‘Sign Up’ पर क्लिक करें
- PAN कार्ड, पहचान प्रमाण और सोशल मीडिया प्रोफाइल लिंक दें
- सत्यापन के बाद आपको लॉगिन क्रेडेंशियल मिलेंगे
- अब आप वीडियो, इमेज, ऑडियो और टेक्स्ट डाउनलोड कर सकते हैं
यह प्रक्रिया बेहद सरल है और लगभग 10-15 मिनट में पूरी हो सकती है। साथ ही वेबसाइट यूजर-फ्रेंडली और मोबाइल-अनुकूल है।
ANI vs PB Shabd: तुलना में कौन है बेहतर?
पहलू | ANI | PB Shabd |
---|---|---|
कंटेंट कीमत | ₹1 लाख+/माह | पूरी तरह से मुफ्त |
कॉपीराइट स्ट्राइक | बार-बार | बिल्कुल नहीं |
ऑथेंटिक कंटेंट | हाँ | हाँ (सरकारी स्रोतों से) |
मल्टीफॉर्मेट | वीडियो, बाइट्स, रॉ फुटेज | वीडियो, ऑडियो, फोटोज़, न्यूज़ |
भाषा विकल्प | मुख्यतः अंग्रेज़ी | हिंदी, अंग्रेज़ी, क्षेत्रीय भाषाएं |
कंटेंट लक्ष्य | मीडिया हाउस | स्वतंत्र क्रिएटर्स, स्टूडेंट्स, पत्रकार |
क्यों जरूरी है PB Shabd जैसे प्लेटफॉर्म?
- छोटे क्रिएटर्स को संरक्षण
- फेयर यूज़ को बढ़ावा
- सरकारी न्यूज़ की पहुंच बढ़ेगी
- डिजिटल इंडिया मिशन को बढ़ावा
- विश्वसनीय और सेंसरशिप-फ्री सूचना का स्रोत
- आर्थिक रूप से सक्षम प्लेटफॉर्म
- जनता तक सही जानकारी पहुँचाने का माध्यम
- मीडिया साक्षरता में वृद्धि
- फेक न्यूज़ के खिलाफ लड़ाई में सहायक
क्या PB Shabd क्रिएटर्स के लिए भविष्य है?
डिजिटल भारत की इस नई दिशा में PB Shabd एक क्रांतिकारी कदम है। ANI जैसे प्राइवेट न्यूज़ एजेंसियों की तुलना में यह एक सुरक्षित, सस्ता और भरोसेमंद विकल्प है। यदि आप कंटेंट क्रिएटर हैं, तो यह आपके लिए एक सुनहरा अवसर है — रजिस्टर करें, कंटेंट उठाएं और कॉपीराइट स्ट्राइक के डर से मुक्त हों।
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PB Shabd सिर्फ एक प्लेटफॉर्म नहीं, बल्कि एक आंदोलन है — डिजिटल क्रिएटर्स की आज़ादी और आत्मनिर्भरता की दिशा में। यह प्लेटफॉर्म न केवल कंटेंट एक्सेस को लोकतांत्रिक बनाता है बल्कि एक समावेशी और स्वतंत्र डिजिटल इकोसिस्टम की नींव भी रखता है।
FAQs
Q1: क्या PB Shabd का कंटेंट कमर्शियल यूज़ के लिए फ्री है?
हाँ, जब तक आप क्रिएटर हैं और कंटेंट को क्रिएटिव ढंग से उपयोग कर रहे हैं।
Q2: क्या इसमें सिर्फ सरकारी खबरें ही मिलेंगी?
हाँ, लेकिन ये खबरें विश्वसनीय, अपडेटेड और ऑफिशियल होती हैं, जो किसी भी झूठी जानकारी या अफवाह से बेहतर होती हैं।
Q3: ANI की स्ट्राइक से कैसे बचें?
फेयर यूज़ का पालन करें, और सरकारी या ओपन-सोर्स कंटेंट का इस्तेमाल करें, जैसे PB Shabd।
Q4: क्या यह प्लेटफॉर्म यूट्यूब द्वारा मान्यता प्राप्त है?
प्रत्यक्ष रूप से नहीं, लेकिन यह सरकारी प्लेटफॉर्म है, इसलिए इसकी विश्वसनीयता बहुत अधिक है।
Q5: क्या मैं पुराने कंटेंट को PB Shabd से अपडेट कर सकता हूं?
हाँ, आप पुराने वीडियो में ANI फुटेज हटाकर PB Shabd कंटेंट जोड़ सकते हैं और उन्हें स्ट्राइक-फ्री बना सकते हैं।
Q6: क्या स्टूडेंट्स और रिसर्चर्स भी इसका उपयोग कर सकते हैं?
बिलकुल, PB Shabd शैक्षणिक उपयोग और रिसर्च उद्देश्यों के लिए भी एक शानदार स्रोत है।