मेघालय हनीमून मर्डर 23 मई 2025। मेघालय की वादियों में शांति पसरी हुई थी, लेकिन उसी दिन एक ऐसा अपराध हुआ जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। एक पत्नी, जो शादी के बंधन में बंधी थी, उसने अपने ही पति की हत्या की साजिश रच डाली। इस घटना ने न केवल एक परिवार को उजाड़ा बल्कि शादी जैसे पवित्र रिश्ते पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए। यह कहानी सिर्फ एक मर्डर केस नहीं, बल्कि समाज की उस जहरीली सोच का आईना है जो रिश्तों को मजबूरी समझ बैठती है।
सोनम की वो तीन शब्द – ‘मार डालो इसे’
“मार डालो इसे।” यह सिर्फ तीन शब्द नहीं थे, बल्कि एक ऐसा खंजर था जो किसी के सीने को नहीं, बल्कि एक रिश्ते को छलनी कर रहा था। सोनम की इस आवाज ने न सिर्फ राजा की सांसें छीनीं, बल्कि उस विश्वास की भी हत्या कर दी जो सात फेरों के वचनों में पिरोया गया था। यह हत्या नहीं, एक चीख थी – एक चीख जो सात जन्मों के साथ के वादे को चीर रही थी।
ऑपरेशन हनीमून: मेघालय पुलिस का बड़ा खुलासा
मेघालय पुलिस ने इस केस को ‘ऑपरेशन हनीमून’ नाम दिया। यह नाम सुनते ही रूमानी भावनाएं आती हैं, लेकिन हकीकत इससे उलट थी। ऑपरेशन हनीमून में खुलासा हुआ कि सोनम ने एक बेहद सुनियोजित साजिश के तहत अपने पति राजा रघुवंशी की हत्या करवाई। इस हत्या में सोनम का प्रेमी राज, उसके दोस्त विशाल, आनंद और आकाश भी शामिल थे।
प्लानिंग की शुरुआत: जब प्यार बना साजिश
शादी के बाद सोनम अपने मायके में रह रही थी। वहीं उसने दो सिम खरीदे – एक खुद के लिए और एक अपने प्रेमी राज को देने के लिए। राज उसके पिता की दुकान पर मजदूर था। योजना थी कि सोनम अपने पति राजा को गुवाहाटी के कामाख्या मंदिर दर्शन के बहाने मेघालय ले जाएगी, और वहीं उसकी हत्या करवाई जाएगी।
कैसे रचा गया साजिश का जाल
20 मई को राजा और सोनम फ्लाइट से निकले, वहीं चार आरोपी ट्रेन से रवाना हुए। सोनम ने जानबूझकर फ्लाइट की टिकट करवाई और पति से पूछे बिना यह सब किया। राजा को कुछ शक न हो, इसलिए सबकुछ एक सामान्य हनीमून जैसा दिखाया गया।
जब सोनम राजा को पहाड़ियों की तरफ ले गई, तब आरोपी भी होटल से कुछ दूरी पर रुके हुए थे। उनके पास हथियार थे और सिर्फ सोनम के संकेत का इंतजार कर रहे थे।
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हत्या की रात: एक रिश्ते का अंत
आखिरकार वो क्षण आया जब सोनम ने कहा – ‘मार डालो इसे।’ विशाल ने राजा के सिर पर वार किया और राजा वहीं गिर पड़ा। वहीं पर प्रेम, भरोसा, और शादी जैसे पवित्र रिश्ते ने दम तोड़ दिया। यह न केवल एक व्यक्ति की हत्या थी, बल्कि भारतीय विवाह संस्था की भी हत्या थी।
टाइमलाइन
- 11 मई: इंदौर में राजा–सोनम की शादी।
- 20 मई: हनीमून की शुरुआत, उड़ान से मेघालय यात्रा।
- 22 मई: वे नोन्ग्रियाट गांव पहुंचे, 3000+ सीढ़ियों से नीचे जाते हुए सड़कों पर दिखे।
- 23 मई: जबर्दस्त हत्या का दिन—दोनों दोस्त बनकर थे, फिर अचानक प्रतीक्षारत क्रूर साज़िश—राजा का फोन बंद हुआ, पत्नी गुम हुई
- 2 जून: राजा का शव तलाशीकर्ता दल और ड्रोन के सहयोग से मिला—शीश का गला कटा था
- 7 जून: पुलिस ने एसआईटी गठित किया— ‘ऑपरेशन हनीमून’ के तहत खुलासों की शुरुआत
- 9 जून: सोनम ने उपवास का बताकर बचाया गया बहाना; गाजीपुर के ढाबे से गिरफ्तार हुई
- 10 जून: सभी आरोपी गिरफ्तार, केस मीडिया में राष्ट्रीय चर्चा में आया ।
हत्या के बाद का रवैया
राजा की हत्या के बाद सोनम न केवल शांत रही, बल्कि उसने अपने ससुराल वालों से झूठ बोलकर कहा कि वह उपवास पर है। लेकिन हकीकत यह थी कि उस समय वह अपने पति की हत्या की पार्टी कर रही थी। यह बात तब सामने आई जब पुलिस ने कॉल रिकॉर्डिंग और अन्य सबूत इकट्ठा किए।

पुलिस की मेहनत और खुलासा
इस केस में मेघालय पुलिस ने 11,000 पुलिसकर्मियों को लगाकर मोबाइल टावर डेटा, सीसीटीवी फुटेज और कॉल रिकॉर्ड की छानबीन की। अंततः सोनम को गाजीपुर के एक ढाबे से गिरफ्तार किया गया और पूछताछ में उसने सब कुछ कबूल कर लिया।
सोनम के भाई का खुलासा: बहन को मजबूरी में करनी पड़ी शादी
राजा की हत्या के बाद जब सोनम को गिरफ्तार किया गया, तब उसका भाई मीडिया के सामने आया और कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने बताया कि सोनम इस शादी से खुश नहीं थी और उस पर जबरदस्ती शादी का दबाव डाला गया था।
सोनम का भाई कहता है –
“मेरी बहन को जबरदस्ती शादी में ढकेला गया। वो राज से प्यार करती थी लेकिन पापा ने उसकी एक नहीं सुनी। शादी के बाद भी वो खुश नहीं थी। हम सब जानते थे पर कुछ कर नहीं पाए। अब जो हुआ, वो बहुत दुखद है। राजा अच्छा लड़का था। लेकिन किसी की जिंदगी को यूं खत्म करना गलत है।”
यह बयान दर्शाता है कि समाज में आज भी कई लड़कियों की मर्जी के खिलाफ शादी की जाती है, और परिणाम स्वरूप वे अंदर से टूट जाती हैं। हालांकि, यह हत्या किसी भी रूप में सही नहीं ठहराई जा सकती, लेकिन इस घटना के पीछे की मानसिक स्थिति को समझना भी जरूरी है।
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प्रेम या पागलपन? जब भावनाएं मर्यादा तोड़ दें
क्या प्रेम में इतना पागल होना ठीक है कि आप एक निर्दोष की जान ले लें? अगर सोनम और राज वास्तव में एक-दूसरे से प्रेम करते थे, तो क्या सही रास्ता नहीं था कि वे पहले अपने परिवारों से बात करते, कानून का सहारा लेते? लेकिन उन्होंने चुना हिंसा का रास्ता, जो न केवल गलत था, बल्कि अमानवीय भी।
ऐसे मामलों में यह समझना जरूरी है कि प्रेम में मर्यादा होना चाहिए, और रिश्तों की बुनियाद सिर्फ भावना नहीं, बल्कि समझदारी और ज़िम्मेदारी होनी चाहिए।Sources: Operation Honeymoon
मीडिया ट्रायल और समाज की प्रतिक्रिया
इस केस ने मीडिया में खूब सुर्खियाँ बटोरीं। टीवी चैनल्स पर डिबेट्स हुए, सोशल मीडिया पर ट्रेंड चला – #JusticeForRaja। लोग सोनम की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे, और उसे कड़ी सजा दिलाने की अपील कर रहे थे।
लेकिन इसी के साथ यह सवाल भी उठता है कि क्या हम एक पूरे लिंग को दोषी ठहरा सकते हैं? क्या हर प्रेमिका हत्यारिन होती है? या हर पत्नी धोखेबाज़? जवाब नहीं है। समाज को समझना होगा कि कुछ लोग गलत होते हैं, लेकिन हम सबको एक ही तराजू से नहीं तौल सकते।
परिवार की बर्बादी: माँ-बाप का दर्द
राजा के माता-पिता के लिए यह घटना सिर्फ बेटे की मौत नहीं थी, बल्कि उनके पूरे जीवन की नींव हिल गई थी। वे अपने बेटे के लिए दुल्हन लाए थे, लेकिन वह दुल्हन उनकी खुशियों का जनाज़ा लेकर आई।
राजा की माँ ने कहा, “हमने सोचा था बहू आएगी तो घर रौशन होगा, लेकिन हमारे घर का चिराग ही बुझा दिया।” यह दर्द किसी भी इंसान के लिए असहनीय है – एक माँ के लिए, एक पिता के लिए, और उस भाई के लिए जिसने अपने भाई को खो दिया।

कानून और न्याय की प्रतीक्षा
अब केस अदालत में है। सोनम और बाकी चार आरोपियों पर आईपीसी की धारा 302, 120B, 34 और कई अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही कोर्ट फैसला सुनाएगा।
यह केस एक उदाहरण बन सकता है – ऐसा उदाहरण जो आगे आने वाली पीढ़ियों को यह बताएगा कि अपराध चाहे कितनी भी चालाकी से किया जाए, कानून की पकड़ से नहीं बचा जा सकता।
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क्या हर औरत दोषी है?
सोनम के कृत्य से पूरे समाज में स्त्रियों पर सवाल उठे हैं, लेकिन क्या हर स्त्री ऐसी होती है? जवाब है नहीं। जहां सोनम जैसी महिलाएं रिश्तों को कलंकित करती हैं, वहीं सृजना जैसी महिलाएं भी हैं जो अपने पति की अंतिम सांस तक साथ निभाती हैं। यह घटना एक अपवाद है, सामान्य नहीं।
FAQs
Q1: सोनम और राजा का पूरा मामला क्या है?
A: सोनम ने अपने प्रेमी और उसके साथियों के साथ मिलकर अपने पति राजा की मेघालय में हत्या करवाई। यह हत्या पहले से प्लान की गई थी।
Q2: ऑपरेशन हनीमून क्या है?
A: यह मेघालय पुलिस का कोडनेम था इस केस के लिए, जिसमें सोनम और उसके प्रेमी की साजिश को उजागर किया गया।
Q3: क्या शादी के फैसले में माता-पिता का दखल सही है?
A: अगर माता-पिता बच्चों की इच्छा के विरुद्ध शादी कराते हैं, तो इससे दुखद परिणाम हो सकते हैं। बच्चों को निर्णय की आजादी देना चाहिए।
Q4: क्या यह मामला भारतीय विवाह प्रणाली पर सवाल खड़ा करता है?
A: हां, यह मामला बताता है कि जब रिश्तों में जबरदस्ती होती है तो शादी एक मजबूरी बन जाती है, जो सामाजिक बर्बादी का कारण बन सकती है।
Q5: समाज को इस घटना से क्या सबक मिलना चाहिए?
A: समाज को यह सीखना चाहिए कि प्यार और शादी के फैसले में पारदर्शिता और ईमानदारी जरूरी है। बिना सहमति के रिश्ते सिर्फ नुकसान पहुंचाते हैं।
Q6: क्या राज और सोनम पहले से रिलेशनशिप में थे?
A: जी हां, सोनम और राज का संबंध शादी से पहले से था, लेकिन यह बात राजा और उसके परिवार को नहीं बताई गई थी।
Q7: क्या सोनम के परिवार को इस साजिश के बारे में पता था?
A: फिलहाल पुलिस को इस बात के कोई स्पष्ट सबूत नहीं मिले हैं कि सोनम के परिवार को साजिश की जानकारी थी।
Q8: ऑपरेशन हनीमून नाम क्यों रखा गया?
A: क्योंकि हत्या की साजिश एक नकली हनीमून ट्रिप के दौरान रची और अंजाम दी गई थी, इसलिए पुलिस ने इसे ऑपरेशन हनीमून नाम दिया।
Q9: क्या पुलिस को शुरुआत में कोई क्लू मिला था?
A: शुरुआत में केस मिस्ट्री लग रहा था, लेकिन होटल के CCTV फुटेज, कॉल डिटेल रिकॉर्ड और गवाहों की मदद से केस को सुलझाया गया।
Q10: क्या राज और उसके दोस्त पहले से अपराधी थे?
A: अभी तक की जांच में ऐसा कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला है, लेकिन उनके खिलाफ हत्या और साजिश के गंभीर आरोप हैं।
निष्कर्ष
यह कहानी सिर्फ एक हत्या की नहीं है। यह उस सोच की हत्या है, जो यह मानती है कि शादी कर देने से सब ठीक हो जाएगा। राजा ने सपना देखा था – साथ जीने और मरने का, लेकिन वो सपना खून में डूब गया। सोनम का अपराध केवल कानून का नहीं, नैतिकता का भी था। इस कहानी से हमें सीखना होगा कि रिश्तों की बुनियाद प्रेम, विश्वास और आज़ादी होनी चाहिए। तभी जाकर समाज सुरक्षित और मजबूत बन पाएगा। NDTV India – मेघालय मर्डर केस रिपोर्टिंग