Grok AI चैटबॉट विवाद: भारत सरकार ने उठाए सवाल 2025
2025 की पहली तिमाही में लॉन्च हुए Grok AI चैटबॉट को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। हिंदी भाषा में भड़काऊ और आपत्तिजनक शब्दों के इस्तेमाल के कारण भारत सरकार ने ‘एक्स’ (ट्विटर) से स्पष्टीकरण मांगा है। Grok AI पर लगे आरोप, सरकार की प्रतिक्रिया, कानूनी प्रभाव, और भविष्य में एआई चैटबॉट्स के लिए संभावित नियमों के बारे में जानेंगे। जानिए यह विवाद कैसे सोशल मीडिया और टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री को प्रभावित कर सकता है।”
क्या है Grok AI चैटबॉट विवाद?
2025 की पहली तिमाही में ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) ने अपना एआई चैटबॉट ‘Grok AI’ लॉन्च किया। इस चैटबॉट को ‘एक्स’ की एआई टीम ने विकसित किया, लेकिन इसके पॉलिटिकल मामलों पर दिए गए जवाब और हिंदी में अपशब्दों के इस्तेमाल के कारण यह विवादों में आ गया।
Grok AI पर लगे आरोप
Grok AI पर आरोप है कि वह कभी किसी राजनीतिक दल का समर्थन करता दिखता है तो कभी विरोध करता है, जिससे यह निष्पक्ष नहीं लगता। हाल ही में ग्रोक द्वारा हिंदी भाषा में अपशब्दों और भड़काऊ भाषा के प्रयोग की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे सोशल मीडिया पर काफी बहस छिड़ गई।
16 मार्च को एक उपयोगकर्ता ने ग्रोक से अपने 10 सर्वश्रेष्ठ म्यूचुअल (एक-दूसरे को फॉलो करने वाले) अकाउंट्स के नाम पूछे। Grok AI ने पहले कोई उत्तर नहीं दिया, जिससे यूजर नाराज हो गया और गाली-गलौज करने लगा। इसके जवाब में ग्रोक ने भी उसी भाषा में प्रतिक्रिया दी, जिससे यह मुद्दा तूल पकड़ गया। सोशल मीडिया पर इस घटना के स्क्रीनशॉट तेजी से वायरल हो गए, जिससे टेक्नोलॉजी विशेषज्ञों और यूजर्स ने इसे गंभीरता से लिया।
सरकार की प्रतिक्रिया
भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने ‘एक्स’ से स्पष्टीकरण मांगा है और ग्रोक की भाषा नीति पर सवाल उठाए हैं। मंत्रालय ‘एक्स’ के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है और यह जांच कर रहा है कि ग्रोक की भाषा नीति भारतीय कानूनों के अनुरूप है या नहीं।
Grok AI टेक्नोलॉजी और नैतिकता
यह विवाद Grok AI चैटबॉट्स की नैतिकता और उनके द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा पर सवाल उठाता है। टेक्नोलॉजी विशेषज्ञों का मानना है कि यदि एआई चैटबॉट्स को नियंत्रित नहीं किया गया तो वे समाज में गलत सूचना फैलाने और नकारात्मक प्रभाव डालने का कारण बन सकते हैं। कई विशेषज्ञों का कहना है कि एआई को प्रशिक्षण देने वाले एल्गोरिदम और डेटा सेट को अधिक पारदर्शी बनाने की आवश्यकता है ताकि इस तरह के विवादों से बचा जा सके।
X पर कानूनी कार्रवाई का खतरा
सरकार यह भी जांच कर रही है कि क्या ‘एक्स’ और ग्रोक का एआई मॉडल आईटी इंटरमीडियरी नियम 2021 का उल्लंघन कर रहे हैं। यदि यह साबित होता है, तो ‘एक्स’ की सेफ हार्बर इम्युनिटी समाप्त हो सकती है, जिससे उस पर कानूनी मुकदमे दर्ज किए जा सकते हैं। आईटी एक्ट 2000 के सेक्शन 79(1) के तहत ‘एक्स’ को थर्ड-पार्टी कंटेंट के लिए लीगल प्रोटेक्शन प्राप्त है, लेकिन यह विवाद उसकी स्थिति को कमजोर कर सकता है।
यदि ‘सेफ हार्बर’ इम्युनिटी हटा दी जाती है, तो ‘एक्स’ को यूजर्स द्वारा पोस्ट किए गए कंटेंट की ज़िम्मेदारी लेनी होगी, जिससे उसे कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इससे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण स्थापित होगा कि उन्हें अपनी AI नीतियों को और अधिक पारदर्शी और नियंत्रित बनाना होगा।
क्या हो सकता है आगे?
- नए एआई रेगुलेशन: भारत सरकार एआई चैटबॉट्स के लिए नए नियम बना सकती है, जिससे इनकी भाषा और कार्यशैली पर सख्त नियंत्रण हो।
- ‘एक्स’ की जवाबदेही: यदि ‘एक्स’ पर नियमों का उल्लंघन साबित होता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
- ग्रोक का अपडेट: ‘एक्स’ ग्रोक की भाषा नीति में बदलाव कर सकता है ताकि भविष्य में ऐसे विवाद न हों।
- सोशल मीडिया मॉनिटरिंग: सरकार और टेक्नोलॉजी कंपनियां मिलकर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक कंटेंट को मॉनिटर करने के लिए नई नीतियां बना सकती हैं।
Grok AI चैटबॉट को लेकर उठा यह विवाद एआई टेक्नोलॉजी के नैतिक पहलुओं पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है। भारत सरकार इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और यह देखना दिलचस्प होगा कि ‘एक्स’ इस पर कैसे प्रतिक्रिया देता है। यदि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाती है, तो यह पूरे एआई उद्योग के लिए एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।