कार की समाधि बना कर दी गई अंतिम बिदाई। क्या है यह अनोखा मामला ? 2024

कार की समाधि बना कर दी गई अंतिम बिदाई। क्या है यह अनोखा मामला ? 2024

गुजरात: मामला गुजरात में अमरेली जिले के गांव का है। गांव में संजय पोलारा  नाम के एक किसान है। साल 2013 में उन्होंने Wagon R कार खरीदी थी। उनका मानना है कि कार खरीदने के बाद उनकी खूब तरक्की हुई। धन दौलत भी कमाया। वो अपनी गाड़ी को परिवार के लिए लकी मानते हैं।

लेकिन अब कार को खरीदे 11 या 12 साल हो रहे थे, कार को तो हटाना ही था। गाड़ी को सम्मानित तरीके से डंप करने के लिए संजय पोलारा ने नया तरीका निकाला। उन्होंने अपने रिश्तेदारों और दोस्तों सहित करीब 1500 लोगों को निमंत्रण भेजा। मेहमानों और पूजा कराने आए पंडितों को भोज कराया।

क्या है यह अनोखा मामला ? संजय पोलारा:

शादी बारात की तरह पूरे घर और कार को फूलों से सजाया। फिर घर से दो किलोमीटर दूर खाली पड़ी एक जमीन पर करीब 15 फिट का गड्ढा खुदा गया। जमीन की भी पूजा हुई। मंत्रों के उच्चारण के साथ कार को गड्ढे में उतारा गया। इस पूरी प्रक्रिया के बीच नाच गाना भी चलता रहा।

गाड़ी को अच्छी तरह से गड्ढे में खड़ा करने के बाद उसके ऊपर चादर चढ़ाई गई और फिर जे सी बी की मदद से मिट्टी डाल दी गई। अपने कार के प्रति किसान के प्यार और सम्मान को देखकर हर कोई हैरान है। कार्यक्रम में आए उनके दोस्त विपुल सुजित्रा कहते हैं, साधु संतों की मौजूदगी में गाड़ी को समाधि दी गई है। अपने जीवन में मैंने पहली बार ऐसी घटना देखी है।

बता दे की इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए अहमदाबाद और सूरत से भी लोग आए थे। संजय पोलारा का सूरत में कंस्ट्रक्शन का बिज़नेस है। वो कहते हैं कि उनकी लकी कार को आने वाली पीढ़ियां भी याद रखें इसलिए उन्होंने कार को दफनाने का ही अनोखा तरीका अपनाया। इस पूरे कार्यक्रम के लिए संजय ने ₹5 लाख रुपए खर्च किए हैं। डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा प्रेसिडेंट बनने का क्या इम्पैक्ट पड़ेगा इंडिया पर

संजय कहते हैं ये कार मैंने करीब 12 साल पहले खरीदी थी। इस कार की वजह से हमारे परिवार में समृद्धि आई। व्यापार में तरक्की के अलावा कार की वजह से परिवार को भी समाज में खूब सम्मान मिला। ये कार मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत भाग्यशाली साबित हुई है। इसीलिए इसे बेचने की जगह मैंने अपने खेत में ही इसकी समाधि बना दी ताकि इसे सम्मान मिल सके।

बातचीत के दौरान संजय कोलारा से पत्रकार ने पूछा क्या म्यूज़ियम बना कर कार को वहाँ भी तो रख सकते थे? फिर आपने समाधि क्यों बनाई? इसके जवाब में संजय कहते हैं, मेरी इच्छा थी की मैं कुछ अलग करूँ। हिंदू रीती रिवाज के अनुसार मैंने भोज कराया, समाधि वाली जगह पर पौधे भी लगाए। भविष्य में मेरी पीढ़ियां इस कार को याद रखें इसलिए इसकी समाधि बनाई। get free iPhone

इस कार की समाधि बनाने का संजय पोलारा का क्या कारण था?

संजय पोलारा ने अपनी कार की समाधि बनाने का निर्णय इसलिए लिया क्योंकि वह इस कार को अपने और अपने परिवार के लिए बहुत भाग्यशाली मानते थे। उन्होंने कहा कि इस कार की वजह से उनके परिवार में समृद्धि आई और व्यापार में तरक्की हुई। इसलिए, इसे बेचने के बजाय, उन्होंने अपने खेत में इसकी समाधि बना दी ताकि इसे सम्मान मिल सके.

संजय ने यह भी बताया कि उन्होंने इस प्रक्रिया को एक विशेष तरीके से किया, जिसमें उन्होंने भोज कराया और हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार पूजा की। उनका उद्देश्य था कि आने वाली पीढ़ियाँ इस कार को याद रखें, इसलिए उन्होंने इसे दफनाने का अनोखा तरीका अपनाया. news

 

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