भारत जैसे देश में जहां हर गली और सड़क पर आपको स्कूटर और बाइक्स दौड़ते दिख जाएंगे, वहां दो-पहिया वाहनों की सुरक्षा को लेकर चिंता हमेशा बनी रही है। कारों में जहाँ एयरबैग, सीट बेल्ट और अन्य सुरक्षा तकनीकों का होना आम बात है, वहीं बाइक्स और स्कूटर पर चलने वाले लोग अधिक असुरक्षित माने जाते हैं। हादसे की स्थिति में सुरक्षा का सबसे बड़ा साधन केवल हेलमेट रह जाता है।
सरकार ने 2026 से सभी दो-पहिया वाहनों पर ABS अनिवार्य कर दिया है, लेकिन अब समय आ गया है जब टेक्नोलॉजी के सहारे दो-पहिया वाहनों को और अधिक सुरक्षित बनाया जाए। इसी दिशा में एक बड़ा फैसला सामने आया है।
सरकार का नया नियम: अब हर बाइक और स्कूटर में होगा ABS सिस्टम
सरकार ने यह ऐलान किया है कि 1 जनवरी 2026 से भारत में बिकने वाली हर नई दो-पहिया गाड़ी में एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) होना अनिवार्य होगा। पहले यह नियम केवल 150 सीसी से ऊपर की बाइकों पर लागू था, लेकिन अब यह 75 सीसी और 125 सीसी जैसे छोटे इंजन वाले स्कूटर और बाइकों पर भी लागू किया जाएगा।
इसका मतलब है कि बजट बाइक्स, जो आम लोगों की पहली पसंद होती हैं, अब पहले से ज्यादा सुरक्षित होंगी।
ABS तकनीक क्या होती है और यह कैसे काम करती है?
ABS यानी Anti-lock Braking System एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो ब्रेक लगाते समय पहियों को लॉक होने से बचाती है। जब हम अचानक ब्रेक लगाते हैं, तो गाड़ी के टायर फिसलने लगते हैं और नियंत्रण खोने की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन ABS सिस्टम पहियों को लॉक होने से रोकता है और गाड़ी को स्किड होने से बचाता है।
इससे ड्राइवर को गाड़ी नियंत्रित करने में मदद मिलती है और एक्सीडेंट की संभावना बहुत हद तक कम हो जाती है।
क्या कहते हैं आंकड़े?
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के मुताबिक, 2022 में भारत में कुल 1.51 लाख से अधिक सड़क हादसे हुए, जिनमें से लगभग 20% हादसे केवल दो-पहिया वाहनों से जुड़े थे। इनमें अधिकांश दुर्घटनाएं तेज रफ्तार में अचानक ब्रेक लगाने या स्किडिंग की वजह से हुई थीं।
विभिन्न अध्ययन बताते हैं कि ABS सिस्टम के इस्तेमाल से इन दुर्घटनाओं की संख्या 35% से 45% तक कम की जा सकती है। यही वजह है कि यह तकनीक आज के समय में जरूरी हो चुकी है।
छोटे वाहनों पर बड़ा असर: क्या महंगे होंगे बजट स्कूटर?
जहाँ एक तरफ यह नियम सुरक्षा को बेहतर बनाएगा, वहीं दूसरी ओर इससे स्कूटर और बाइक्स की कीमतों में थोड़ा इजाफा भी हो सकता है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि छोटे स्कूटर और बाइक्स में ABS सिस्टम लगाने से कीमतों में ₹3000 से ₹5000 तक की बढ़ोतरी संभव है।
हालांकि, कुछ लोगों के लिए यह कीमत बढ़ना परेशानी का कारण बन सकता है, लेकिन लंबी अवधि में यह सुरक्षा के लिहाज से एक जरूरी निवेश है।
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एक्सपर्ट्स की राय: क्यों यह नियम बेहद जरूरी है?
ऑटोमोबाइल सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में दो-पहिया वाहनों का उपयोग ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में बहुत अधिक होता है। लोग इसका उपयोग केवल यात्रा के लिए नहीं बल्कि डिलीवरी, रोजगार और परिवार को लाने-ले जाने के लिए करते हैं।
ऐसे में सुरक्षा का उच्च स्तर सुनिश्चित करना जरूरी है। ABS तकनीक उन इलाकों में भी दुर्घटनाओं को रोक सकती है जहां सड़कें खराब या फिसलन भरी होती हैं।
हेलमेट भी रहेगा अनिवार्य
नई गाड़ियों के साथ दो हेलमेट अनिवार्य रूप से दिए जाएंगे। यानी कि ड्राइवर और पीछे बैठने वाले दोनों को हेलमेट पहनना जरूरी होगा। इससे जुर्माने से बचा जा सकेगा और दुर्घटना में गंभीर चोटों की संभावना कम होगी।
ABS अनिवार्यता का यह फैसला न केवल ग्राहकों की सुरक्षा को बढ़ावा देगा, बल्कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को भी तकनीकी रूप से उन्नत बनाएगा। कंपनियों को अब मजबूरी में ही सही, लेकिन बेहतर ब्रेकिंग सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट (ECU) और सेफ्टी स्टैंडर्ड्स पर निवेश करना होगा। इससे देश में सेफ्टी टेक्नोलॉजी का इकोसिस्टम मजबूत होगा और मेक इन इंडिया अभियान को भी बढ़ावा मिलेगा। आने वाले समय में भारत वैश्विक स्तर पर सुरक्षित दो-पहिया वाहनों का निर्माण केंद्र बन सकता है। यह बदलाव सुरक्षा के साथ-साथ आर्थिक और तकनीकी दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
केवल कानून नहीं, एक जीवन रक्षा प्रयास
यह कदम केवल एक कानून नहीं है, बल्कि लोगों की जान बचाने की दिशा में उठाया गया एक प्रयास है। सरकार ने इससे पहले फोर-व्हीलर में एयरबैग को जरूरी किया था, और अब दो-पहिया वाहनों के लिए ABS को अनिवार्य बनाकर यह दिखा दिया है कि वह सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर है।
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दो-पहिया वाहन बाजार पर क्या असर पड़ेगा
भारत में हर साल करोड़ों की संख्या में दो-पहिया वाहन बिकते हैं। FY 2024-25 के दौरान 92.6 लाख मोटरसाइकिल और 68.5 लाख स्कूटर बिके थे। इस नए नियम के लागू होने से शुरुआती कुछ महीनों में इनकी मांग थोड़ी प्रभावित हो सकती है, लेकिन लॉन्ग टर्म में ग्राहक इसे एक जरूरी फीचर के रूप में स्वीकार करेंगे।
ग्रामीण भारत में ABS की अहमियत और भविष्य
भारत के ग्रामीण इलाकों में दो-पहिया वाहन केवल ट्रांसपोर्ट का जरिया नहीं बल्कि जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। गांवों में सड़कों की हालत शहरों जितनी अच्छी नहीं होती — कहीं कच्ची सड़कें, तो कहीं ऊबड़-खाबड़ रास्ते, कीचड़ और पानी से भरे गड्ढे। ऐसे में एक छोटी सी ब्रेकिंग मिस्टेक जानलेवा साबित हो सकती है। कई बार लोग बिना हेलमेट के भी सफर करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि गांव में ट्रैफिक पुलिस नहीं है, लेकिन सड़क पर दुर्घटना पुलिस से पहले होती है।
ABS तकनीक खासकर ऐसे ही ग्रामीण या सेमी-अर्बन क्षेत्रों में जीवन रक्षक बन सकती है। जब रास्ते फिसलन भरे हों, या अचानक कोई जानवर सामने आ जाए, तब ABS सिस्टम बाइक को स्किड होने से बचा सकता है। इससे न केवल वाहन चालक की जान बचती है, बल्कि पीछे बैठे यात्री, सड़क पर चल रहे पैदल यात्री या साइकिल चालक की सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है।
सरकार को चाहिए कि वह इस नए नियम को लेकर गांवों में जागरूकता अभियान चलाए, ताकि लोग इसके फायदों को समझ सकें और इसे बोझ नहीं बल्कि जीवन रक्षा का साधन मानें।
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