Big decision of UP Women’s Commission: यूपी महिला आयोग का बड़ा फैसला 2024
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यूपी महिला आयोग: राज्य महिला आयोग ने एक नया प्रस्ताव जारी किया है जिसमें महिलाओं की सुरक्षा को लेकर 10 बहुत बड़े और अहम फैसले किए गए। । उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने महिलाओं को “बैड टच” से बचाने और पुरुषों के बुरे इरादों को रोकने के लिए एक प्रस्ताव दिया है. इसके मुताबिक, पुरुषों को महिलाओं के कपड़े नहीं सिलने चाहिए और न ही उनके बाल काटने चाहिए. इस प्रस्ताव को राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने रखा जिसका बैठक में मौजूद अन्य सदस्यों ने समर्थन किया।
यूपी महिला आयोग: UP Women’s Commission
राज्य महिला आयोग ने एक नया प्रस्ताव जारी किया है जिसमें महिलाओं की सुरक्षा को लेकर 10 बहुत बड़े और अहम फैसले लिए गए है।
1 – यूपी महिला आयोग का पहला और सबसे बड़ा फैसला ये है कि अब से पूरे उत्तर प्रदेश में टेलर की सभी दुकानों पर महिलाओं के कपड़ों का नाप किसी महिला द्वारा ही लिया जाएगा और अब पुरुष टेलर्स को महिलाओं का नाप लेने की अनुमति नहीं होगी। महिला आयोग का कहना है कि इस समय उत्तर प्रदेश में दर्जियों की यानी टेलर्स की हर 100 में से 99 दुकानों के दर्जी पुरुष होते हैं।
और इसके कारण महिलाएं अपना नाप देते समय जब कपड़े सिलवाने के लिए जाती हैं और जब पुरुष उनका नाप लेते हैं तो महिलाएं असहज महसूस करती हैं। इसलिए अब से टेलर की सभी दुकानों पर हर दर्जी की दुकान पर सी सी टी वि कैमरे को लगाना अनिवार्य होगा ।
और जब ये नाप लिया जा रहा होगा, उस समय उसका वीडियो इन सब सी सी टी वि कैमरों में रिकॉर्ड हो रहा होगा। तो एक बहुत बड़ी बात ये है कि महिलाओं के कपड़ों का नाप अब पुरुष टेलर्स नहीं ले पाएंगे।
अगर पूरे उत्तर प्रदेश में कोई भी महिला कपड़ा सिलवाने के लिए किसी दर्जे की दुकान पर जाती है तो वहाँ पर महिला दर्जी को या किसी महिला को ही महिला का नाप लेना होगा। यानी पुरुष जो है टेलर्स, वो पुरुषों का नाप लेंगे और महिला महिलाओं का नाप लेगी।
2 – यूपी महिला आयोग का दूसरा बड़ा फैसला सभी जिम्स और योगा सेंटर्स में पुरुषों के साथ साथ अब महिला ट्रेनर्स का होना भी अनिवार्य होगा। अभी आपने देखा होगा कि जिम में जब महिलाएं जाती हैं तो ज्यादातर जिम्स में जो ट्रेनर्स है वह पुरुष है।
और पुरुष ट्रेनर्स ही महिलाओं को भी ट्रेन करते हैं और कई बार ऐसी स्थिति आ जाती है कि जब महिलाएं असहज महसूस करने लगती है क्योंकि उस जिम में पूरा स्टाफ पुरुषों का है, महिला स्टाफ है ही नहीं। इसलिए अब से हर जिम में महिला ट्रेनर्स का होना आवश्यक होगा, जो महिला ट्रेनर होगी। वो महिलाओं को ट्रैन करेगी, पुरुष ट्रेनर जो होंगे वो पुरुषों को ट्रैन करेगी।
3 – यूपी महिला आयोग का तीसरा बड़ा फैसला सभी जिम ट्रेनर्स को अपना पुलिस वेरिफिकेशन कराना होगा। जीतने भी जिम है। उत्तर प्रदेश में सब में जो पुरुष ट्रेनर्स है, जिम, ट्रेनर्स। उन सबका पुलिस वेरिफिकेशन होगा।
4- यूपी महिला आयोग का चौथा बड़ा फैसला अगर कोई महिला जिम में किसी पुरुष ट्रेनर के साथ वर्कआउट की ट्रेनिंग करती है या महिला ट्रेनर होने के बावजूद अगर कोई महिला यह कहती है कि उसे महिला ट्रेनर नहीं पुरुष ट्रेनर के साथ ही ट्रेनिंग करनी है तो उसे एक फॉर्म पर हस्ताक्षर करके अपनी लिखित सहमति देनी होगी कि वह अपनी स्वेच्छा से एक पुरुष ट्रेनर के साथ ट्रेनिंग कर रही है और यह कंसेंट फॉर्म जिनके संचालक या स्थानीय पुलिस में भी जमा कराया जा सकता है।
5 – यूपी महिला आयोग का पांचवां बड़ा फैसला सभी ब्यूटी पार्लर्स में महिलाओं के मेकअप और बाकी के कामों के लिए पुरुष के साथ महिला ब्यूटिशियन का होना अनिवार्य होगा। अभी आपने देखा होगा बहुत सारे ब्यूटी परलौर ऐसे हैं जहाँ पर पुरुष होते हैं, पुरुष काम करते हैं और कई बार महिलाएं असहज हो जाती हैं। अब हर ब्यूटी परलौर में महिलाओं का होना अनिवार्य होगा।
6 – यूपी महिला आयोग का छठा बड़ा फैसला नाट्य कला केंद्रों और डांस क्लासेज में भी महिला डांस टीचर्स की नियुक्ति अब की जाएगी।
7 – यूपी महिला आयोग का सातवां बड़ा फैसला जिन दुकानों पर विशेष रूप से सिर्फ महिलाओं के कपड़े मिलते हैं, वहाँ महिला कर्मचारियों का होना अब आवश्यक होगा।
8 – यूपी महिला आयोग का आठवां बड़ा फैसला कोचिंग सेंटर्स में सी सी T.V कैमरों और वॉशरूम की व्यवस्था अब करना अनिवार्य होगा। हर कोचिंग सेंटर में सी सी टी वि कैमरा लगा जरूर होना चाहिए।
9 – यूपी महिला आयोग का नवा बड़ा फैसला स्कूल बस में महिला सुरक्षा कर्मी और महिला टीचर्स को तैनात किया जाएगा और सभी स्कूलों को इन नियमों का पालन अब से करना पड़ेगा।
10 – यूपी महिला आयोग का दसवां बड़ा फैसला राज्य के सभी शिक्षण संस्थानों को पुलिस में अपना सत्यापन कराना होगा और इन सभी फैसलों को लागू कराने की जिम्मेदारी हर जिले के डी .एम और एस .पी की होगी।
ये 10 क्रांतिकारी बड़े फैसले हैं। जो उत्तर प्रदेश में लागू होने वाले हैं। इस फैसले को लेकर दो बड़े सवाल पूछे जा रहे हैं, जिनमें पहला यह है कि इस प्रस्ताव को लाने की वजह क्या है?
यह फैसला महिलाओं की शिकायतों के आधार पर लिया गया है। महिलाओं के फीड्बैक पर लिया गया है, जिसमें उन्होंने ये बताया था कि महिलाएं जब टेलर की दुकानों पर जाती हैं और जब वो जिम में वर्कआउट करने के लिए जाती हैं तो वहाँ महिला ट्रेनर और महिला दर्जी नहीं होते।