2025 में covid-19 की नई लहर ने हांगकांग, सिंगापुर और थाईलैंड में चिंता बढ़ा दी है। क्या भारत को भी खतरा है? इस ब्लॉग में जानिए कोविड मामलों की ताज़ा स्थिति, संक्रमण बढ़ने के कारण, और भारत में क्या स्थिति है — पूरी जानकारी
कोविड-19 फिर से सुर्खियों में क्यों?
एक समय ऐसा था जब लगा कि covid-19 का खतरा अब बीते दिनों की बात हो गई है, लेकिन 2025 में एक बार फिर यह वायरस दुनिया को परेशान कर रहा है। हांगकांग, सिंगापुर और थाईलैंड जैसे देशों में अचानक मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है, जिससे दुनिया भर में चिंता की लहर दौड़ गई है।
हांगकांग में 3 मई 2025 तक की रिपोर्ट के अनुसार, एक हफ्ते में 30 से ज़्यादा मौतें दर्ज की गईं। यह संख्या पिछले एक साल की सबसे अधिक है। वहीं, सिंगापुर में भी संक्रमण के मामलों में 28% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है — केवल एक हफ्ते में 14,000 से ज़्यादा मामले सामने आए हैं।
कोविड संक्रमण दर में तेज़ उछाल
हांगकांग के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, संक्रमण दर मार्च के मध्य में 1.7% थी, जो मई में बढ़कर 11.4% तक पहुंच गई। यह दर अगस्त 2024 के पीक को भी पार कर चुकी है।
सिर्फ यही नहीं, स्थानीय अस्पतालों में कोविड संबंधित परामर्श और भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में भी तेजी आई है।
गर्मियों में संक्रमण क्यों बढ़ रहा है?
पारंपरिक रूप से, अधिकांश वायरस सर्दियों में फैलते हैं, लेकिन covid-19 की यह नई लहर गर्मियों में फैल रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह वायरस अब “एंडेमिक” यानी स्थायी बीमारी की स्थिति में बदल चुका है, और इसका व्यवहार बदलता जा रहा है।
यह इस बात का संकेत है कि वायरस अब मौसमी सीमाओं से बाहर जाकर कभी भी उभर सकता है।
क्या वैक्सीन की प्रभावशीलता कम हो रही है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार संक्रमण बढ़ने के पीछे एक कारण लोगों में घटती इम्युनिटी (प्रतिरोधक क्षमता) भी हो सकती है।
इसलिए दुनियाभर की सरकारें लोगों से अपील कर रही हैं कि वे बूस्टर डोज़ अवश्य लगवाएं, खासकर बुजुर्ग और पहले से बीमार लोगों को।

चीन और थाईलैंड में भी बिगड़ते हालात
covid-19 की शुरुआत जिन रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन से हुई थी, वहां भी संक्रमण फिर से बढ़ रहा है। चीन में मई 2025 में मामलों की संख्या पिछले साल की गर्मियों के पीक तक पहुंच रही है।
थाईलैंड में भी अप्रैल के बाद दो बड़े क्लस्टर आउटब्रेक सामने आए हैं।
क्या भारत को घबराने की ज़रूरत है?
अभी नहीं। भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, देश में सिर्फ 93 सक्रिय मामले हैं। न तो अस्पतालों में भीड़ है और न ही टेस्टिंग दर में तेजी देखी गई है।
इसका मतलब यह है कि अभी भारत इस नई लहर की चपेट में नहीं आया है।
भविष्य के लिए तैयारी ज़रूरी क्यों है?
हालांकि अभी खतरा कम है, लेकिन covid-19 का अब तक का इतिहास बताता है कि यह वायरस कब और कैसे पलटवार करेगा, यह कोई नहीं कह सकता। भारत जैसे घनी आबादी वाले देश में सतर्कता हमेशा ज़रूरी है।
सावधान रहने के कुछ आसान उपाय:
- मास्क पहनना जारी रखें, खासकर भीड़भाड़ वाले इलाकों में।
- टीकाकरण और बूस्टर डोज़ समय पर लें।
- खांसी, बुखार या सांस लेने में दिक्कत हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- अफवाहों से दूर रहें और केवल सरकारी और विश्वसनीय स्रोतों की बातों पर ध्यान दें।
घबराएं नहीं, सतर्क रहें
फिलहाल भारत के लिए चिंता की बात नहीं है, लेकिन पास के देशों में बढ़ते मामलों को देखकर यह कहा जा सकता है कि covid-19 पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। महामारी भले ही अब एंडेमिक में बदल चुकी हो, लेकिन इसका असर अभी भी मौजूद है।
समय रहते सतर्कता, तैयारी और जागरूकता ही इस बीमारी से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है