विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट लेकर एक युग का अंत कर दिया है। जानिए उनके रिकॉर्ड्स, जज्बे, जुनून और उस इमोशनल सफर को जिसने उन्हें लीजेंड बना दिया। एक दिल छू लेने वाली श्रद्धांजलि।
“कुछ खिलाड़ी खेलते हैं, कुछ इतिहास रचते हैं, लेकिन विराट कोहली जैसे खिलाड़ी खेल की परिभाषा ही बदल देते हैं।”
कोहली के बिना क्रिकेट अधूरा है
13 मई 2025 को जब विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से अपने रिटायरमेंट की घोषणा की, तो जैसे पूरी क्रिकेट दुनिया एक पल के लिए थम गई। मैदान खाली हो गया, स्टेडियम की “कोहली कोहली” गूंज अब सिर्फ यादों का हिस्सा बन गई। ऐसा लग रहा है जैसे क्रिकेट का दिल धड़कना बंद कर दिया हो।
विराट कोहली: जुनून और आत्मविश्वास का प्रतीक
विराट कोहली सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि एक भावना हैं। जब वो मैदान पर उतरते थे, तो हर भारतीय फैन को भरोसा होता था – “अब मैच हमारा है।” उनकी कवर ड्राइव, उनका आक्रामक एटीट्यूड, और वो शेर की दहाड़ – क्रिकेट को उन्होंने सिर्फ खेल नहीं, जंग बना दिया।
क्रिकेट के हर फॉर्मेट के बादशाह
- टेस्ट क्रिकेट में 123 मैच, 9230 रन, 30 शतक और 7 दोहरे शतक।
- वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतक के रिकॉर्ड के करीब।
- टी20 क्रिकेट में भी नंबर वन बल्लेबाज की पहचान।
विराट कोहली तीनों फॉर्मेट में बेजोड़ रहे। क्रिकेट के किसी भी फॉर्मेट में ऐसा ऑलराउंड करिश्मा दिखाना दुर्लभ होता है।
लोगों ने कहा नहीं होगा कुछ, उन्होंने कर दिखाया सबकुछ
शुरुआत में विराट के टैलेंट पर सवाल उठे। 2012 में संजय मांजरेकर ने ट्वीट किया था कि “विराट को एक मौका और दो…” और वही मांजरेकर आज उन्हें “टेस्ट क्रिकेट का सर्वश्रेष्ठ” कह रहे हैं। यह ट्रांसफॉर्मेशन ही विराट की असली कहानी है।
क्रिकेट को बनाया ग्लैमर और गौरव का प्रतीक
21वीं सदी के टी20 दौर में जब टेस्ट क्रिकेट पीछे छूट रहा था, तब विराट कोहली ने न केवल इसे जिंदा किया, बल्कि युवाओं को सिखाया कि सफेद जर्सी पहनकर भी सुपरस्टार बना जा सकता है।
- ऑस्ट्रेलिया को दो बार उनकी धरती पर हराना
- इंग्लैंड, साउथ अफ्रीका, न्यूजीलैंड – सबको धूल चटाना
- टेस्ट में भारत को लगातार 5 साल नंबर वन टीम बनाना
रिकॉर्ड्स जिन पर कोहली का नाम दर्ज है
- भारत के लिए सबसे ज्यादा टेस्ट जीत दिलाने वाले कप्तान।
- टेस्ट में सबसे ज्यादा दोहरे शतक लगाने वाले भारतीय।
- ICC टेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर (2018)।
- सेना देशों (SENA) में सबसे ज्यादा रन और शतक।
- भारत के लिए टेस्ट में सबसे ज्यादा रन नंबर 4 पोजीशन से – 254

कोहली का असर सिर्फ आंकड़ों तक सीमित नहीं
कोहली का योगदान सिर्फ रन बनाने तक नहीं था। उन्होंने टीम को आत्मबल, जुनून और जुझारूपन सिखाया। विराट ने टीम इंडिया को “हम किसी से कम नहीं” वाला एटीट्यूड दिया।
“जब मैदान पर कोहली खड़ा होता था, तो लगता था हम जंग जीत सकते हैं।”
क्या बिना विदाई के जाना विराट जैसे खिलाड़ी के साथ न्याय है?
जिस तरह सचिन तेंदुलकर को मुंबई में विदाई मिली, क्या विराट कोहली उस विदाई के हकदार नहीं थे? पर उन्होंने चुपचाप रिटायरमेंट का फैसला लिया – बिना भीड़, बिना शोर, बस एक सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए। यही विराट का क्लास है।
सोशल मीडिया और फैंस की भावुक प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया पर #ThankYouKohli और #KingKohli ट्रेंड करने लगे। फैंस, पूर्व खिलाड़ी, यहां तक कि भारतीय सेना ने भी विराट को सलाम किया। रोहित शर्मा और विराट दोनों के एक साथ टेस्ट से संन्यास लेने को फैंस ने “एक युग का अंत” कहा।
क्रिकेट अब भी खेला जाएगा… पर वो ‘कोहली वाला जुनून’ नहीं होगा
क्रिकेट चलता रहेगा, नए खिलाड़ी आएंगे, रिकॉर्ड बनेंगे, लेकिन कोहली जैसा खिलाड़ी शायद ही फिर दिखे। उनकी एनर्जी, उनकी आंखों की आग, मैदान पर वो चीख – अब बस किताबों और वीडियो में रह जाएगी।
विराट कोहली: एक प्रेरणा, एक युग, एक लिगेसी
विराट ने हमें सिखाया:
- हार मानना गुनाह है।
- आत्मसम्मान से बड़ा कुछ नहीं।
- जुनून हो तो कुछ भी मुमकिन है।
वो 18 नंबर की जर्सी अब मैदान पर नहीं दिखेगी, लेकिन दिलों में हमेशा जिंदा रहेगी।
निष्कर्ष: विराट कोहली का जाना क्रिकेट का नुकसान है
“क्रिकेट अब वही खेल नहीं रहेगा, क्योंकि उसका धड़कता दिल अब मैदान पर नहीं होगा।”
विराट कोहली ने हमें सिर्फ क्रिकेट नहीं, क्रिकेट को जीना सिखाया। वो गए नहीं, बस एक किताब का आखिरी पन्ना पूरा हुआ है – और हम सब उस किताब को बार-बार पढ़ना चाहेंगे।